शनिवार, 18 फ़रवरी 2017

दागियों पर लगाम

केंद्र सरकार आपराधिक छवि वाले नेताओं पर लगाम कसने जा रही है। विधि आयोग ने चुनाव आयोग तथा अन्य सम्बन्धित पक्षो से विचार विमर्श के बाद कुछ सिफारिशें प्रस्तुत की हैं। इनमें पांच साल या इससे अधिक की सजा वाले मामलों में चार्ज शीट दायर होने वाले नेताओं को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं होगी।आयोग ने राजनीतिक दलों के नेताओं के खिलाफ चल रहे मामलों की सुनवाई के लिए फ़ास्ट ट्रैक अदालते गठित करने का सुझाव भी दिया है।
इसके तहत ये अदालते  एक साल के भीतर मामलों पर फैसला सुना देंगी एवं विधि आयोग ने इसमें प्रावधान  यह भी रखा है कि, भले ही नेता ऊपरी अदालतों से बरी हो जाये, परंतु उनके चुनाव लड़ने पर रोक बरकरार रहेगी। ऐसे नेता भविष्य में न तो कोई राजनीतिक दल बना पाएंगे , और ना ही किसी राजनीतिक दल के पदाधिकारी बन पाएंगे।
चुनाव सुधार को लेकर पिछले दो दशकों से कार्यवाही चल रही है, लेकिन कोई नतीजे सामने नहीं आये। विधि आयोग ने सिफारिशों के मसौदे को अंतिम रूप दे दिया है एवं सरकार भी इन सिफारिशों को लागू करने की अंतिम प्रक्रिया से गुजर रही है।
देर से ही सही लेकिन अब भी ऐसी सिफारिशे लागू हो जाती है तो दूषित होती राजनीति में सुधार की उम्मीद जागती जरूर नजर आएगी।
मेरी राय में यदि इन सिफारिशों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर लागू किया जाये ।
राजनीति के अपराधीकरण ने लोकतंत्र पर दाग लगाया है, उसे धोये बिना हम सबसे बड़े लोकतंत्र कहलाने के हकदार नहीं हो सकते।

द्योजीराम फौजदार
M.A. Final, Political Science

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